O Tere Nainon Ke Main Deep ( Anuraag - 1972 )
Song Name |
: O Tere Nainon Ke Main Deep |
Movie Name |
: Anuraag |
Music Director |
: S.D.Burman |
Music Company |
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Singer |
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Picturised On |
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Song Type |
: Love Song |
Release Date |
: |
Movie Year |
: 1972 |
Views |
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rafi :(o tere nainon ke main deep jalaaungaa)-2
apani aankhon se duniyaa dikhalaaungaa
tere nainon ke.......
lata:achchhaa
vo kyaa hai
rafi: ek mandir hai
lata:us mandir me.n
rafi: ek murat hai
lata:ye murat kaisi hoti hai
rafi: teri surat jaisi hoti hai
lata:vo kyaa hai
rafi: ek mandir hai
lata:(main kyaa jaanun chhaanv hai kyaa aur dhoop hai kyaa)-2
rang-birangi is duniyaa kaa roop hai kyaa
vo kyaa hai
rafi: ek parabat hai
lata:us parabat pe
rafi: ek baadal hai
lata:ye baadal kaisaa hotaa hai
rafi: tere aanchal jaisaa hotaa hai
lata:vo kyaa hai
rafi: ek parabat hai
rafi: (mast havaa ne ghoonghat kholaa kaliyon kaa)-2
jhoom ke mausam aayaa hai rang-raliyon kaa
lata:vo kyaa hai
rafi: ek bagiyaa hai
lata:us bagiyaa men
rafi: kai bhanvare hai
lata:bhanvare kyaa jogi hote hain
rafi: nahin dil ke rogi hote hain
lata:vo kyaa hai
rafi: ek bagiyaa hai
lata:aisi bhi anjaan nahin main ab sajanaa
bin dekhe mujhako dikhataa hai sab sajanaa
rafi: achchhaa
vo kyaa hai
lata:vo saagar hai
rafi: us saagar men
lata:ik naiyaa hai
rafi: are tune kaise naam liyaa
lata:man se aankhon kaa kaam liyaa
rafi:vo kyaa hai
lata:vo saagar hai
courtesy:
http://www.youtube.com/watch?v=zBgU6j6M5ig
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रफ़ी :(ओ तेरे नैनों के मैं दीप जलाऊँगा)-२
अपनी आँखों से दुनिया दिखलाऊँगा
तेरे नैनों के.......
लता: अच्छा
वो क्या है
रफ़ी : एक मंदिर है
लता: उस मंदिर में
रफ़ी : एक मूरत है
लता: ये मूरत कैसी होती है
रफ़ी : तेरी सूरत जैसी होती है
लता: वो क्या है
रफ़ी : एक मंदिर है
लता: (मैं क्या जानूँ छाँव है क्या और धूप है क्या)-२
रंग-बिरंगी इस दुनिया का रूप है क्या
वो क्या है
रफ़ी : एक परबत है
लता: उस परबत पे
रफ़ी : एक बादल है
लता: ये बादल कैसा होता है
रफ़ी : तेरे आँचल जैसा होता है
लता: वो क्या है
रफ़ी : एक परबत है
रफ़ी : (मस्त हवा ने घूँघट खोला कलियों का)-२
झूम के मौसम आया है रंग-रलियों का
लता: वो क्या है
रफ़ी : एक बगिया है
लता: उस बगिया में
रफ़ी : कई भँवरे है
लता: भँवरे क्या जोगी होते हैं
रफ़ी : नहीं दिल के रोगी होते हैं
लता: वो क्या है
रफ़ी : एक बगिया है
लता: ऐसी भी अन्जान नहीं मैं अब सजना
बिन देखे मुझको दिखता है सब सजना
रफ़ी : अच्छा
वो क्या है
लता: वो सागर है
रफ़ी : उस सागर में
लता: इक नैया है
रफ़ी : अरे तूने कैसे नाम लिया
लता: मन से आँखों का काम लिया
रफ़ी: वो क्या है
लता: वो सागर है
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[submitted on 18-Nov-2008]